पीठ या गर्दन दर्द वाले मरीजों को सोने या लेटने से बेहतर महसूस होता है, लेकिन खराब नींद की मुद्रा या बिस्तर पर सोने का तरीका, मौजूदा दर्द को बदतर बना सकता है। कई मरीजों में खराब सोने का तरीका, गर्दन एवं पीठ के निचले हिस्से में दर्द का कारण पाया गया है, क्योंकि गलत स्थितियों में सोने से गर्दन, कूल्हों और पीठ पर अनावश्यक दबाव पड़ सकता है।
स्वस्थ पीठ के लिए पीठ के बल लेटना सबसे अच्छी नींद की स्थिति है। लेकिन घुटनों या पैरों के नीचे तकिया रखने से रीढ़ को अतिरिक्त सहारा मिलता है और पीठ की मांसपेशियों को आराम मिलता है। यह स्लिप डिस्क या साइटिका से पीड़ित मरीजों के लिए काफी लाभदायकहै।
कुछ लोगों को करवट लेके सोना बेहतर लगता है, लेकिन यह तरीका पीठ के निचले हिस्से और पैर पर अनावश्यक तनाव डालता है। इसलिए निचली कमर एवं कुल्हों को सहारा देने के लिए दोनों घुटनों या निचली जांघ के बीच एक छोटा तकिया रखना बेहतर है।
पीठ दर्द अथवा हर्नियेटेड डिस्क/ साइटिका वाले लोगों के लिए, रात में एक घुमावदार भ्रूण की स्थिति में सोने से राहत मिल सकती है। इस पोजीशन में व्यक्ति करवट में, दोनों घुटनों को पेट या छाती के पास मोड़कर, समीप ले जाता है। उसे दोनों घुटनों के बीच एक तकिया रखना चाहिए, छाती के सामने एक और तकिया (तकिया को गले लगाने की कोशिश करना चाहिए)।
पेट या छाती के बल सोना आमतौर पर सबसे खराब नींद की मुद्रा/ पोस्चर माना जाता है, क्योंकि यह गर्दन, पसलियों पर अत्यधिक दबाव डालता है और पाचन पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।लेकिन कुछ लोगों को इस स्थिति में ही अच्छी नींद आती है। तो इन लोगों के लिए, पेट के निचले हिस्से / पेट के नीचे एक तकिया रखें और गर्दन के ऊपरी हिस्से के नीचे या माथे के नीचे पतला तकिया रखें, ताकि गर्दन को अत्यधिक झुकने से बचाया जा सके।
तकिया नरम, आरामदायक, कपास सामग्री (कॉटन) द्वारा भरा होना चाहिए, और उपयोग के बाद पुराना आकार प्राप्त करने में सक्षम होना चाहिए। तकिए को हर 12-18 महीने में बदल देना चाहिए।
जो लोग अपनी पीठ के बल सोते हैं, उन्हें गर्दन के नीचें रखने के लिए पतले तकिए का इस्तेमाल करना चाहिए। मोटे और सख्त तकिए को गर्दन के नीचे नहीं रखना चाहिए। इसके अलावा तकिए को सिर के नीचे या ऊपरी गर्दन के नीचे न रखकर, अपितु गर्दन के मध्य/ निचले भाग के नीचे रखा जाना चाहिए।
मोटी तकिया का उपयोग (गर्दन के नीचे) उन लोगों द्वारा किया जा सकता है जो ज्यादातर करवट में सोते हैं। करवट सोते समय, पतला तकिया दोनों घुटनों के बीच लगाना चाहिए। छाती या पेट के बल सोते समय, पतला तकिया पेट के नीचे और माथे के नीचे रखें।
एक गद्दा अच्छी तरह से काता हुआ, दृढ़ और आरामदायक होना चाहिए। नरम गद्दे (spring mattress) में रीढ़ या स्पाइन गद्दे के अंदर घुस जाती है और रीढ़ की प्राकृतिक संरचना पर खराब दबाव डालते हैं। ज्यादा सख्त गद्दा (choir mattress) शरीर के विभिन्न हिस्सों पर अत्यधिक दबाव डालता है। वैकल्पिक रूप से, दृढ़ता बढ़ाने के लिए एक प्लाईवुड बोर्ड को गद्दे के नीचे रखा जा सकता है। मध्यम सख्त गद्दा - कपास (cotton mattress) से बने गद्दे आरामदायक होते हैं और रीढ़ को पर्याप्त मजबूती प्रदान करते हैं। आदर्श रूप से, गद्दे को हर 10 साल में बदल दिया जाना चाहिए।
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